उत्तरायणी मेला 14 जनवरी को शुरू होता है|
उत्तरायणी मेला 14 जनवरी को शुरू होता है|
इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं|
इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं|
श्रद्धालु सरयू और गोमती नदी के संगम पर डुबकी लगाते हैं|
श्रद्धालु सरयू और गोमती नदी के संगम पर डुबकी लगाते हैं|
बागनाथ के मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करते हैं और,
बागनाथ के मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करते हैं और,
ब्राह्मणों और भिक्षुकों को दान-दक्षिणा देकर पुण्य अर्जित करते हैं|
ब्राह्मणों और भिक्षुकों को दान-दक्षिणा देकर पुण्य अर्जित करते हैं|
मकर संक्रांति से सूर्य का उत्तरायण प्रारंभ हो जाता है।
मकर संक्रांति से सूर्य का उत्तरायण प्रारंभ हो जाता है।
शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण को देवताओं का दिन और सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है,
शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण को देवताओं का दिन और सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है,
इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाओं का विशेष महत्व है।
इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाओं का विशेष महत्व है।
उत्तरायणी बागेश्वर का सुप्रसिद्ध मेला
उत्तरायणी बागेश्वर का सुप्रसिद्ध मेला